लखनऊ| वैकल्पिक उर्जा स्रोत के बेहतर इस्तेमाल को लेकर अब भारतीय रेलवे ने भी कदम बढ़ा दिए हैं। रेलवे के अधिकारियों का दावा है कि पूर्वोत्तर रेलवे सोलर प्लांट के साथ ही एलईडी लाइटस के जरिए करोड़ों रूपये बचाने और कार्बन उत्सर्जन कम करने का पूरा खाका तैयार कर चुका है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रेलवे इसके जरिए खुद के लिए बिजली पैदा करने के साथ ही दूसरों को भी बिजली मुहैया कराएगा। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सोलर प्लांट से इस वित्तीय वर्ष लगभग 33 लाख यूनिट बिजली की बचत करने का लक्ष्य है।
अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे के लगभग 400 स्टेशनों पर एलईडी लाइटस लगा दी गई हैं। इससे करीब 33 लाख यूनिट बिजली की बचत होगी। इससे रेलवे को सलाना लगभग ढाई करोड़ रूपये से अधिक की बचत होगी।
पूवरेत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव के मुताबिक एनईआर में केवल एलईडी लाइटस लगने से ही एक वर्ष में 28 लाख किलोग्राम कार्बन का उत्सर्जन कम होगा। यह रेलवे की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। क्योंकि दुनिया कार्बन के अधिक उत्सर्जन से परेशान है। लेकिन एनईआर अकेले इतने बड़े पैमाने पर कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में कामयाब होगा।
उन्होंने बताया कि रेलवे खुद के लिए बिजली बनाने के साथ ही बडे स्टेशनों की छतों का इस्तेमाल सोलर पावर प्लांट के रूप में करने का खका तैयार कर चुका है। स्टेशनों की छतों पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट लगेंगे और इससे पैदा होने वाली बिजली स्टेशनों के लिए काम आएगी।
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक ग्रिड से कनेक्ट होने की वजह से अतिरिक्त बिजली का इस्तेमाल अन्य क्षेत्रों में की जाएगी। इसके बदले रेलवे को राजस्व भी मिलेगा। पूर्वांचल के सबसे बड़े स्टेशनों में से एक गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लांट जल्द ही लगने की संभावना है।
एनईआर के अंतर्गत आने वाले लखनऊ जंक्शन सहित कई अन्य स्टेशनों पर सोलर प्लांट लगाने का खाका तैयार हो चुका है।
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गौरतलब है कि अभी तक एनईआर में 1,880 केडब्लयूपी क्षमता का ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट वाराणसी के इज्जतनगर में लगाया जा चुका है।
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आईएएनएस
जमशेदपुर। सामाजिक संस्था वीर खालसा दल ने सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया। साकची स्थित गुरुद्वारा में आयोजित इस विवाह में कुल 4 जोड़ों की शादी कराई गई।
यह संस्था 2016 से गरीब और असहाय परिवार के लोगों का हाथ पीले करती आ रही है। वीर खालसा दल ने 2016 में दो जोड़ो की, 2017 में तीन जोड़ों की शादी करवाई थी। इस बार संख्या बढ़कर चार जोड़े की हो गयी। सभी की शादी सिख रीती रिवाज से कराई गई।
जमशेदपुर : सोमवार को वन्यजीवों का शिकार करेंगे सेंदरा वीर, तराई में की पूजा
इस मौके पर वीर खालसा दल की ओर से वर वधु को गृहस्थ जीवन की सभी जरुरी सामान दिए गए। इनके दैनिक जीवन के लिए उपयोगी साबित होंगे। वैसे इस शादी समारोह में काफी संख्या में दोनों ही पक्ष से लोग उपस्थित हुए और वर और वधु को आशीर्वाद दिया।
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जमशेदपुर। सेंदरा पर्व पर वन्य जीवों का शिकार करने के लिए आदिवासी दलमा जंगल पर सोमवार तड़के चढ़ाई करेंगे। इससे पूर्व सेंदरा वीरो ने सेंदरा की तराई में पूजा अर्चना की। देर रात से ही आदिवासी समुदाय के लोग हथियार से लैस होकर दलमा पर चढ़ने लगे हैं। इससे पूर्व रविवार की शाम को हथियारबंद आदिवासी युवकों का जमावड़ा पारडीह काली मंदिर के पास लगा। वैसे सोमवार दोपहर के करीब 12 बजे शिकारियों का जत्था शिकार लेकर दलमा से उतरेगा।
दलमा राजा राकेश हेम्ब्रम सेंदरा दल का नेतृत्व कर रहे हैं। हेम्ब्रम के मुताबिक दलमा जंगल में सेंदरा करने के लिए करीब 3000 आदिवासी युवक हथियारों से लैस होकर चढ़े हैं। 196 वर्ग किमी में फैले दलमा जंगल में रविवार शाम सेंदरा पर्व का आगाज हुआ। पहली पूजा शाम में हुई, फिर आधी रात को। मध्य रात्रि की पूजा के बाद दलमा कूच का फरमान जारी हुआ।
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हालांकि इस बार वन विभाग ने कई जगह पर चेक नाका लगाया है। इधर पारंपरिक ढोल नगाड़ों के साथ इन लोगों ने वन देवी की पूजा अर्चना की। दलमाजंगल में जाने वाले हर शिकारी के घर पर पारंपरिक पूजा होती है। इस दौरान कांसा के कलश में पानी भरकर उसे पूजा कक्ष में रखा जाता है। वहीं, सेंदरा वीर के सेंदरा से आने के बाद उस कलश को उठाया जाएगा। मान्यता है कि अगर कलश में पानी घट जाता है तो यह शुभ नहीं होता है। वैसे इस पूजा पर सेंदरा वीर अपने लिए सुरक्षा और अच्छे शिकार की मांग करते है।
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जमशेदपुर। सामाजिक संस्था की पहल के बाद लौहनगरी व आस पास के लोगों ने एक अनोखी पहल की है। योगदान सुनिश्चित करने के लिए हामी भरी है। यह योगदान है देह दान का। लोग मरने के बाद अपने शरीर को मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चो की पढ़ाई के लिए दान करेंगे।
जमशेदपुर में ‘अभियान’ के बैनर तले 4 वर्षो के प्रयास ने रंग लाया। साकची स्थित रेड क्रॉस सभागार में एक कार्यक्रम के तहत 18 लोगों ने अपना शरीर दान करने की घोषणा की। इस मौके पर पशुपालन सह सहकारिता मंत्री रणधीर सिंह मौजूद रहे। देहदान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कराते हुए रजिस्टेशन करा चुके दम्पति ने कहा कि इस बात का डर उन्हें नहीं है कि वे देह दान करेंगे, बल्कि इस बात की ख़ुशी है कि हमारी मौत के बाद मृत शरीर मेडिकल के छात्रों को काम आयेगा।
उनके पढ़ाई में काम आएगा और एक स्वस्थ समाज का निर्माण होगा। मेडिकल के विद्यार्थी बेहतर डॉक्टर बन पायेंगे।
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इधर इस हौसले की उड़ान को देख मौके पर मौजूद मंत्री रणधीर सिंह भी उत्साहित दिखे। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन नश्वर है। जिसने जीवन पाया उसे एक दिन मरना ही होता है। ऐसे में मौत के बाद दूसरो के काम आने के इस हौसले को सलाम। मंत्री जी ने जमशेदपुर में चल रहे देह दान यज्ञ को देख कहा वे भी अपना शरीर दान करने से पीछे नही हटेंगे ।
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