नई दिल्ली। SBI सहित देश के तीन प्रमुख बैंकों ने अपने करोड़ों ग्राहकों को दशहरा और दिवाली का गिफ्ट दे दिया है। जी हाँ, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और आंध्रा बैंक ने बेस रेट में कटौती करने की घोषणा की है। इससे आपके लोन की ई.एम.आई. सस्ती हो जाएगी। बैंकों के इस कदम से बेस रेट पर लोन लेने वाले पुराने ग्राहकों को फायदा होगा। बेस रेट की नई दरें 1 अक्टूबर से प्रभावी मानी जाएंगी।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने बेस रेट में 0.05 फीसदी की कटौती कर दी है। नया बेस रेट 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा। बेस रेट में कटौती होने से उन ग्राहकों को फायदा होगा, जिन्होने बेस रेट पर अपना होम, एजूकेशन या फिर कार लोन लिया हुआ है। बैंक का नया बेस रेट 8.95 फीसदी होगा।
एस.बी.आई. के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा और आंध्रा बैंक ने भी अपने बेस रेट में कटौती करने का ऐलान किया है। आंध्रा बैंक का बेस रेट 9.70 फीसदी से घटकर 9.55 हो गया है। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने बेस रेट में 9.50 फीसदी से 9.15 फीसदी कर दिया है।
सनराइजर्स हैदराबाद ने मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें संस्करण में मौजूदा विजेता मुंबई इंडियंस को वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए एक रोचक मुकाबले में 31 रनों से हरा दिया। मुंबई को जीत के सिर्फ 119 रनों की जरूरत थी, लेकिन वो इस आसान से लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई और 18.5 ओवरों में सिर्फ 87 रनों पर ही ढेर हो गई।
हैदराबाद के लिए सिद्धार्थ कौल ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। राशिद खान और बासिल थम्पी ने दो-दो विकेट लिए। शाकिब अल हसन, संदीप शर्मा और मोहम्मद नबी को एक-एक सफलता मिली।
हैदराबाद के लिए केन विलियमसन ने 29 रन बनाए। यूसुफ पठान ने भी 29 रनों का अहम योगदान दिया। विलियमसन ने 21 गेंदों की पारी में पांच चौके लगाए जबकि पठान ने 33 गेंदों पर दो चौके और एक छक्का लगाया।
मुंबई के लिए मिशेल मैक्लेघन, मयंक मारकंडे, हार्दिक पांड्या ने दो-दो विकेट लिए। मुस्तफिजुर रहमान को एक सफलता मिली।
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सनराइजर्स हैदराबाद ने ये मैच 31 रन से जीतकर शानदार वापसी की. मुंबई इंडियंस की टीम 87 रन पर ढेर हो गई. मुस्तफिजुर रहमान ने एक रन बनाया, लेकिन जसप्रीत बुमराह छह रन बनाकर नाबाद रहे. सिद्धार्थ कौल ने चार ओवर में 24 रन देकर तीन विकेट लिए
हैदराबाद की टीम आईपीएल में 119 रन का स्कोर बचा चुकी है. अगर आज वह अपने 118 को डिफेंड कर लेती है तो यह एक रिकॉर्ड होगा.
पांचवें ओवर से तीन रन आए. मुंबई दो विकेट के नुकसान पर 20 रन. सूर्यकुमार यादव 12 और रोहित शर्मा दो रन बनाकर क्रीज पर मौजूद.
तीसरे ओवर से चार रन आए और एक विकेट गिरा. मुंबई एक विकेट के नुकसान पर 12 रन. सूर्यकुमार यादव 6 और ईशान किशन बिना रन बनाकर क्रीज पर मौजूद.
सनराइजर्स हैदराबाद 18.4 ओवर में 118 रन बनाकर आउट, विलियमसन और यूसुफ पठान ने बनाए 29-29 रन.
मुंबई | मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें सीजन के एक मैच में यहां के वानखेड़े स्टेडियम में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। मुंबई का लीग के 11वें संस्करण में यह छठा मैच है। मुंबई को पिछले पांच मैचों में एक में जीत और चार में हार का सामना करना पड़ा है। वहीं केन विलियम्सन की कप्तानी वाली हैदराबाद का भी यह छठा मैच। हैदराबाद को पिछले पांच मैचों में तीन में जीत और दो में मात खानी पड़ी है।
इस मैच के लिए मुंबई की अंतिम एकादश में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हैदराबाद ने अंतिम एकादश में तीन बदलाव किया है। ओपनर शिखर धवन, मोहम्मद नबी और बासिल थम्पी को टीम में शामिल किया गया है।
मुंबई इंडियंस : रोहित शर्मा (कप्तान), सूर्यकुमार यादव, एविन लेविस, इशान किशन (विकेटकीपर), क्रुणाल पांड्या, कीरन पोलार्ड, हार्दिक पांड्या, मिशेल मेक्लेघन, मयंक मारकंडे, जसप्रीत बुमराह और मुस्ताफिजुर रहमान।
सनराइजर्स हैदराबाद : केन विलियमसन (कप्तान), शिखर धवन, रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), यूसुफ पठान, मनीष पांडे, शाकिब अल-हसन, मोहम्मद नबी, राशिद खान, बासिल थम्पी, संदीप शर्मा, और सिद्धार्थ कौल।
नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पिछले सीजन में अपनी ऑफ स्पिन से सभी को प्रभावित करने वाले वॉशिंगटन सुंदर बल्लेबाज के तौर पर अपने करियर को परवान चढ़ते देखना चाहते थे, लेकिन साथी खिलाड़ियों और फिर राहुल द्रविड़ की सलाह से उन्होंने गेंदबाजी को गंभीरता से लिया और अब भारत के दमदार स्पिनरों में उनका नाम आने लगा है।
सुंदर ने आईएएनएस के साथ अपने करियर के लिए बदलाव के दौर के बारे में बात की और कहा कि उनकी ख्वाहिश तो बल्लेबाज बनने की थी, लेकिन वो बने ऑफ स्पिनर।
सुंदर ने कहा, “मैं हमेशा से बल्लेबाज बनना चाहता था। लेकिन मेरे आस-पास के जो लोग थे वो मेरे बारे में जानते थे और मेरी गेंदबाजी योग्यता की बातें करते थे। मैं इस पर विश्वास नहीं करता था, लेकिन कई बार मैंने मैचों में गेंदबाजी की और अच्छा प्रदर्शन किया और वहां से मुझे विश्वास आया। लेकिन असर बदलाव तब आया जब अंडर-19 टीम में राहुल (द्रविड़) सर ने मेरी गेंदबाजी की तारीफ की फिर मैंने वहां से मैंने गेंदबाजी को अधिक गंभीरता से लेना शुरू किया।”
आईपीएल में हर टीम के स्पिनरों की अहम भूमिका रहती है। इस लीग में आज के दौर में स्पिनर हर टीम की जीत के लिए तुरुप का इक्का हैं। हालांकि शुरुआत में ऐसा नहीं था और खेल के छोटे प्रारूप में स्पिनर सफल नहीं रहते थे। इस बदलाव के बारे में जब सुंदर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि स्पिनरों ने अपनी योग्यता में बदलाव किया है।
उन्होंने कहा, “अगर आप टी-20 की शुरुआत देखेंगे तो स्पिनरों को काफी दिक्कत होती थी, लेकिन समय के साथ स्पिनरों की योग्यता में इजाफा हुआ है और उन्होंने अपने लिए नए रास्ते ढूंढ लिए हैं। स्पिनरों की लाइन लैंथ काफी मायने रखती है हालांकि इसमें मैच दर मैच अंतर होता है। यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप उस समय कैसी गेंदबाजी करते हो।”
सुंदर आईपीएल के 11वें संस्करण में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की टीम से खेल रहे हैं। उस टीम में भारत की राष्ट्रीय टीम के अहम सदस्य लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल हैं। उनके साथ तालमेल के जबाव में सुंदर ने कहा कि वह चहल के साथ काफी कुछ सीख रहे हैं और दोनों की जोड़ी टीम के लिए असरदार साबित हो सकती है।
बकौल सुंदर, “उनके साथ गेंदबाजी करना मेरे लिए काफी शानदार अनुभव रहा है। वह मेरे साथ अपने अनुभव साझा करते हैं। एक ऐसे शख्स के साथ गेंदबाजी करना जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी कम समय में काफी कुछ हासिल कर लिया हो उसके साथ गेंदबाजी करने से बेशक लाभ होता है। हम दोनों के बीच अच्छा तालमेल है जो मुझे लगता है कि टीम के लिए अच्छा होगा।”
दोनों क्या बात करते हैं इस पर सुंदर ने कहा, “बल्लेबाज को लेकर, टीम को लेकर हम चर्चा करते हैं कि कैसे अलग-अलग बल्लेबाजों के खिलाफ गेंदबाजी करनी है और कैसे किस विकेट पर गेंदबाजी करनी है।”
सीमित ओवरों में चहल और कुलदीप यादव भारतयी टीम का अहम हिस्सा हैं। ऐसे में सुंदर से जब पूछा गया कि क्या इन दोनों के रहते उनको टीम में जा पाना नामुमकिन लगता है तो उन्होंने इससे साफ इनकार किया।
18 साल के वॉशिंगटन सुंदर ने कहा, “मुझे नहीं लगता। मुझे जो भी मौके मिलते हैं उनमें मैंने अच्छा किया है। मुझे लगता है कि यह मुझ पर निर्भर है कि मैं कैसे अपने आप को और बेहतर करता हूं। कुछ चीजें मेरे नियंत्रण में नहीं हैं इसलिए मैं उन बातों पर ध्यान देता हूं जो मेरे नियंत्रण में हैं।”
बेंगलोर की टीम में ब्रेंडन मैक्कलम, अब्राहम डिविलियर्स जैसे विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं। इनके साथ रहने से क्या सीखने को मिलता है इस पर सुंदर ने कहा, “जो माहौल उनके रहने से बनता है जो आत्मविश्वास वो लेकर आते हैं मुझे लगता है कि उससे मैं काफी कुछ सीख सकता हूं। वो जिस मानसिकता के साथ मैच में जाते हैं उससे भी काफी कुछ सीखने को मिलता है। मैं अपने आप को भाग्यशाली मानता हूं कि मैं इतने बड़े स्टार खिलाड़ियों से सजी टीम का हिस्सा हूं।”
टी-20, आईपीएल में बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ ज्यादा आक्रामक होते हैं। इस स्थिति से निपटना कितना मुश्किल होता है? इसके जबाव में वॉशिंगटन सुंदर ने कहा कि यह काफी मुश्किल होता है।
उन्होंने कहा, “यह काफी मुश्किल होता है। इस आईपीएल में हर स्पिनर रन दे रहा है। विकेट भी काफी हद तक बल्लेबाजों के मुफीद होती हैं। लेकिन फिर भी यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरह से अपनी रणनीति को लागू करते हैं और किस बल्लेबाज के खिलाफ किस रणनीति को अपनाते हो और उसका पालन करते हो। यह काफी मायने रखता है। यह टूर्नामेंट काफी लंबा है और जैसे-जैसे समय बीतता जाता है विकेट धीमी होती जाएंगी तो स्पिनरों के लिए मददगार होती जाएंगी।”
आईएएनएस
नई दिल्ली।आपने अक्सर ऐसा देखा होगा कि जब भी किसी रिश्ते की बात होती है तो उसमें पहली प्राथमिकता यही होती है कि लड़के की उम्र लड़की की उम्र से ज्यादा हो। इतना ही नहीं कपल्स के बीच पर्याप्त उम्र का अंतराल भी रखा जाता है। ज्यादातर शादीशुदा जोड़े को आपने देखा होगा तो उसमें लड़के की उम्र हमेशा लड़की की उम्र से ज्यादा ही रही होगी। लेकिन क्या आपके मन में कभी ये सवाल आया कि कपल्स में हमेशा लड़के की उम्र ज्यादा और लड़की छोटी क्यों होती है। लड़के और लड़की की उम्र के बीच फासला रखने के कई कारण होते हैं।
लड़कियां लड़कों की तुलना में ज्यादा जल्दी मेच्योर हो जाती हैं। कहने का मतलब है कि जिस उम्र में लड़के मेच्योर होते हैं, उस उम्र से पहले ही लड़कियां मेच्योर हो जाती हैं। इसलिए लड़के से छोटी उम्र की लड़की को चुना जाता है, जिससे उनका मेच्योरिटी लेवल बराबर रहे और वह किसी भी निर्णय को सही तरीके से ले सकें।
लड़कों की तुलना में लड़कियां ज्यादा इमोशनल होती हैं। इमोशनल होने पर लड़कियों को किसी अपने की जरूरत होती है। ऐसे में जब लड़के की उम्र ज्यादा होगी तो वह अपनी पत्नी को इमोशनली सपोर्ट कर पाएगा और उसे सहारा दे पाएगा।
लड़कियों में उम्र बीतने के साथ जल्दी ही हार्मोन्स में बदलाव होने लगते हैं। इसके कारण वह जल्दी बूढ़ी दिखने लगती हैं। अगर लड़कियां पति की उम्र से बड़ी होंगी तो वह जल्द ही पति की उम्र से बड़ी दिखने लगेंगी। इस वजह से कपल्स में लड़के को बड़ा और लड़की को छोटा रखा जाता है।
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